ढूंढती आंखें पूछती है अंधेरी काली रातों से Seeking eyes asks dark nights

ढूंढती आंखें पूछती है अंधेरी काली रातों से
छटपटाहट कहती है दर्द इधर भी मुश्किल से दिखता है
नजर उठती नहीं है परछाई छुपता कभी लंबा होता है
ढलते सूरज से पूछो
दिन के उजाले में बहुत कुछ घटती है क्यों चुपचाप देखते हो
अश्रु सूख गई गला अवरुद्ध पड़ गई
वापसी का चेहरा देखता है सड़के नदी नाले चौक चौराहे
उठते कदम पूछते सवाल निगलते वचन दार
क्यों रूठ गई प्रकृति पुकारती दूर न जाओ टिको अपने मिट्टी का कर्ज उतारो
चकाचौंध भाग रहा है गांव अवाद होता है या बर्बाद होता है मुसीबत में याद आती लौटता थका हारा बेसहारा
मिट्टी ने जन्म दिया फर्ज निभा गले लगा आश्रय देती है
वक्त का हिसाब है
तपती सड़के चुभती कांटे पत्थर कंकर पड़ती छाले भूख प्यास नंगे बदन जानती है कुछ पाने को भागा खाली हाथ साथ में संक्रमण ले वापस आ रहा है
ऐसी क्या जिंदगी है पास न हफ्ते दो हफ्ते का राशन
जानना चाहता हूं क्या प्रतिदिन बिकती है जिंदगी
कुछ तो संचित करो आने वाले कल के लिए क्या जीते हो केवल दिन के उजालों में रात के अंधेरों के लिए कुछ तो उपाय करके रखो करवट लेती सुख-दुख जिंदगी है
महामारी का जाल फंस गया गरीब मजदूर का रोजगार
बचाने को तत्पर हूं करूं क्या उपाय है अंधेरी काली रात दिखता नहीं है
सबक मिल गया है त्याग समझ चुका है कष्ट सहनशील हो चला है
पेट भरने की लालसा में तलाश रहा है कड़कती बिजली गड़जती बादल से पूछता है आसमान से दुनिया देखने वाले कुछ बताते जाओ किधर है पालनहार
फिर घर द्वार छोड़ पलायन को बढ़ता उम्मीद तरसती नैनीहाल बिलखते बच्चे चिंतामग्न पत्नी बूढ़े मां बाप बिना बोले बहुत कुछ कह जाते हैं                                  Seeking eyes asks dark nights

 Choppy says pain is hardly seen here

 The shadow is not visible it hides ever

 Ask the waning sun

 A lot happens in daylight why do you look quietly

 Teardrop swelled throat blocked

 The face of the return sees the streets Nal Chowk Chowk intersection
 Rising steps ask questions swallowing words

 Why don't the nature cry away go away Tico take your soil debt

 Dazzling village is running away or ruined

 The soil gave birth

 Time accounts

 Heats thorns, stings, thorns, stones, blisters, hunger, thirst, bare body, knows to run away to get something, empty hand is coming back with infection

 What is life like, don't have ration for two weeks
 Want to know if life sells every day

 Save something, what do you live for tomorrow, only in the light of day, for the darkest of the night, put some measures and make your life happy and sad

 Poor laborers trapped in the trap of epidemic

 I am ready to save what is the solution, the dark black night does not show

 Lesson is found, abandonment is understood, suffering is tolerable
 Seeking in the craving to fill the stomach, the lightning lightning asks the thundering cloud, Go tell the people who see the world from the sky, where is Palanhar

 Then leaving the door of the house, the expectation of migration increases, the children of Nainihal are crying and anxious, their wives old parents say a lot without speaking.

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