Posts

Showing posts from June, 2020

बादल

Image
अथाह सागर की अथाह कहानी सुनाता हूं अपनी जवानी सूर्य का प्रकोप सह न पाई जन्म लिया वाष्प उत्सर्जन पहुंचा गगन आसमान उमड़ता घुमड़ता हुआ बादल सफेद काले निराले रूप जमीं की दुनिया पला बढ़ा यौवन देखा आसमां सुहाना खूब उमड़ा घूमड़ा मडराता पाया पवन का सहारा मिला दिशा उपर से नीचे की दुनिया देखा मानव करतूत देखा असली रूप खेत सूखा पेड़ मुरझाया पशुओं की चहलकदमी पक्षियों का कलरव आदमी प्यासा लाचार वेवश आयी दया मया जीवन बचाने लगा बड़सने खेत खलिहान थाह लिया मानव के निर्माण विकाश सबके सब पंगु खोखली बनाई इंसान खिल उठा किसान कलरव करता खड़ रंभाता पशु जानवर अठखेलियां निराला सबको सींचा संवारा दिया नवजीवन प्राण मचल उठी नदी नाले भड़ गई पोखर तालाब चौर गढ़े उबर खाबड़ सब एक समान भयावह लीला प्रकट हुई आया बाढ़ उखड़ गई पेड़ झाड़ी मिट गई नामोनिशान विखड़ गई झुंड सिमट गई जिंदगी लगा त्राहिमाम करने जीवन जीवन देने वाला लेने लगा जीवन ऊब गया भूल गया कोशने लगा पल दो पल साथ हाय तौबा मच गई हो रही खींचाई अब तो बस करों ठहरो कुछ काल आगे बढ़ता गया घटता गया यौवन तब्दील हुआ देखा खुद का बुढ़ापा रहा न

इंटर और मैट्रिक का डमी रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी

Image
बिहार बोर्ड ने इंटर और मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2021 में शामिल होने वाले विद्यार्थियों का डमी रजिस्ट्रेशन कार्ड 22 जून से 30 जून तक वेबसाइट पर अपलोड रहेगा। रजिस्ट्रेशन कार्ड देखने के स्कूल कोड विद्यार्थी का नाम एवम् जन्म तिथि इंट्री करना होगा। रजिस्ट्रेशन कार्ड को सूक्ष्मता से देखें। किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापक से संपर्क करें।                     मैट्रिक के लिए यहां क्लिक करें:- www.biharboard.online                                      इंटर के सभी संकाय के लिए यहां क्लिक करें:-          www.seniorsecondary.biharboardonline.com     The dummy registration card of students appearing for the Inter and Matriculation Annual Examination 2021 will be uploaded on the website from 22 June to 30 June.  To view the registration card, the school code will have to be entered with the student's name and date of birth.  Check the registration card closely.  Contact your school headmaster if there is any kind of error.  Click here for matr

प्रवासी

Image
                                                                                           मैं प्रवासी नही वासी हूं भारत वाशी हूं बिहार वाशी हूं।  मेहनत मजदूर हूं अमीरों की शान गरीबों का रोजगार जीवकोपार्जन का नामी हूं रोज़ी रोटी की तलाश आधा अधूरा पगार दुत्कार का पैग़ाम दुःख दर्द कष्ट का साथी हूं उत्पादक निर्माणकर्ता सुंदरता गाली लात जूता गले का हार भागी हूं अल्ट्टालिका खिलखिलाता मुस्कुराहट चका चौंध दुनिया बदनसीबी हूं खुशबूदार लजीज हाथों से परोशा पेट तरसा पांव थका फिसला न प्लेट थामी हूं फैंसी ड्रेस क्या ब्रांड गुजरता मेरे बदन को छू मजाल क्या दिल लगी हूं सफर सुहाना सामान्य मेरा बदबू गंदगी भूखे प्यासे नंगे पाव तपती सड़के भूखे पेट मन प्यासा नंगा बदन आगे बढ़ते कर्म का हारा बदहाल फटेहाल आर्थिक तंगी नसीब का मारा चले जा रहे हैं चले जा रहे हैं रोने वाले रोते चीखते सत्ता के गलियारों को धिक्कारते चिलचिलाती धूप गर्मी सहते शरीर निकलते पसीना दम तोड़ती गरीब मजदूर असहाय दम तोड़ती विकाश की हकीकत दम तोड़ती सारे वादे दावे आगे बढ़ता बदन अपने ही देश अपने ही राज्य अपने ही सरकार अपने ही लोग अपने ही नाते रिश्

नियोजित शिक्षक

Image
गर्व से कहो हम नियोजित शिक्षक हैं हमारी योग्यता न किसी से कम हमारी कार्य नियमित से बढ़ कर वेतन मिलता नियमित के आधे से कम मिलता नही ई एल न कटता ई पी एफ भविष्य दिखता अंधकारमय खाली हाथ मिलेगा नही पेंशन न परिवार को अनुकम्पा तथाकथित चाइनीज़ वेतनमान मिलता करता जिसका विरोध पूरा हिंदुस्तान वहीं है मिलता वेतन रूपी श्रृंगार हमारे प्रति फैलाया दुष्प्रचार किया जलील शोषण प्रताड़ित अत्याचार करने वाला पाता सम्मान और प्रतिष्ठा पिछले महीने किया संघर्ष हुआ हड़ताल वैश्विक महामारी मिला बहाना खाली गया सत्तर शिक्षकों का बलिदान कहावत है गोर का भी गया गया हाथ का मिला न बढ़ोतरी मिला प्रतिशोध रूपी दमन लगा ड्यूटी क्वेयरंटाइन केंद्र न सुरक्षा मिला न इंसुरेंस गनीमत रही बचा प्राण न काम के न काज के लगता लांछन सामना करता समाज और सरकार एक दूसरे को आरोप प्रत्यारोप बच्चो के आंखों का तारा निर्माता खटकता चुभता उसे बन न पाया जीवन में एक अदद नियोजित शिक्षक करता समाज का प्रत्येक मुसीबतों में सहयोग होता रहता अधिकारियों का कोप भाजन जरूरत पर आते हम ही काम तारणहार लाख करो हमारी शिकायत हमारी बिना बनता न एक काम परीक्षा

गांव की पुकार

Image
गांव की पुकार गांव की मिट्टी करें पुकार आ अब लौट जा शुद्ध हवा देशी बोल अपनी समाज अपने लोग अपनी आरी अपनी डरीर अपना है बोलबाल घर द्वार अपनी जुगार अपनी बेमिसाल अपनी है दादा दादी नाना नानी सब रिश्तेदार अपनी प्यार उमंग भरा खेत खलिहान मेड़ अपनी राग विचार करें पुकार आ अब लौट जा गांव की मिट्टी पेड़ की छाया कोयल की कूक पक्षियों की चहचाहट जानवरों की आहट बुजुर्गो की डाट फटकार मौसमी पेड़ की खट्टी मीठी फल गाय भैंस की दूध जमीन की ताजी हरी सब्जी और बहुत कुछ करें इंतजार आ अब लौट जा गांव की टाटी खोपड़ी तब्दील होती दीवाल छत न एसी न कूलर बिजली पंखा चलता काम न चौखट न ताला चाभी रहता अनाज मक्का गेहूं धान आलू दाल चले सालो साल करें इंतजार आ अब लौट जा गांव की टूटी खाट टूटी चप्पल फूटी नजर चलता किस्मत भाग्य खेल हट्टा कट्टा मस्त नौजवान खिलखिलाता बचपन मचलता यौवन हसता बुढ़ापा कटता दिन चमकता सितारा गिनता तारा प्रतिभा की धार विकसित होता गांव संभलता सिचता गांव टूटता गांव बिखरता परिवार करें पुकार आ अब लौट चल अपना गांव अपना गांव।                                                 Village