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बिहार में संक्रमण से मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों को विशेष पारिवारिक पेंशन Special family pension to dependents of government servants who died of infection in Bihar

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वैश्विक महामारी कोविड-19 संपूर्ण विश्व में फैल चुका है। पूरी दुनिया में त्राहिमाम मचा चुका है और बचे हुए नए-नए क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है। कोविड-19 दुनिया के लिए अनजान बीमारी है और रहस्यमय तरीके से अपना व्यवहार बदल रहा है जिससे इसके बारे में जानकारी उपलब्ध करने में और कठिन होता जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में उत्पन्न कोविड-19 से लाखों लोग अपनी जान गवा चुके हैं और करोड़ों संक्रमित हैं। इसके फैलते प्रभाव को देखते हुए करोड़ों लोगों को और संक्रमित होने की संभावना है। विश्व के लिए अज्ञात एवं बिल्कुल नया वायरस चीन से चलकर संपूर्ण धरती पर त्राहिमाम मचा रहा है। दुनिया के वैज्ञानिक डॉक्टर रिसर्चचर दिन रात लगे हुए हैं इस बीमारी से बचने के लिए टीका या अन्य दवा की तलाश कर रहे हैं। यह वायरस समय परिस्थिति वातावरण के अनुकूल अपने आप में परिवर्तन करने में सक्षम है जिसके कारण समस्या गंभीर बनता जा रहा है। भारत जैसे सभ्यता संस्कृति वाले देशों में इसको फैलना बिल्कुल सरल है। यहां के पर्व त्योहार उत्सव सामूहिक रूप से मनाए जाते हैं। लोग आपस में मिलना जुलना ज्यादा पसंद करते हैं। यह बीमारी भी लोगों से लोग

बिहार के अमान्य संस्थान के प्रमाणपत्रों पर बहाल शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की पुनः सुगबुगाहट Re-vigilance of action against teachers reinstated on certificates of invalid institute of Bihar

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जी हां मैं बात कर रहा हूं बिहार के अमान्य संस्थान के प्रमाण पत्रों का बहाल शिक्षकों की खिलाफ कार्रवाई को लेकर शिक्षा विभाग एक बार फिर सुर्ख़ियो में है। इस बार नियोजित शिक्षकों के अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बहाल 34540 शिक्षक भी कार्रवाई की जद में आ रहे हैं। यह मामला विगत कई वर्षों से कभी कछुआ के चाल तो कभी खरगोश की चाल में चलती नजर आई है। कहीं-कहीं कुछ शिक्षकों पर कार्रवाई होते देखने को मिलता है पुनः विभिन्न कारणों से कार्रवाई रोक दी जाती है। पिछले कुछ दिनों पहले दैनिक समाचार पत्रों में यह खबर छपते ही फर्जी शिक्षकों के बीच हड़कंप मच गई। इस प्रकार के शिक्षक पदाधिकारियों एवं कार्यालयों की ओर दौड़ लगाने लगे कि किसी प्रकार इस मामला को टालमटोल किया जाए। बताते चलें कि बिहार में वर्ष 2006 से ही बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली की जा रही है। टीईटी एसटीईटी के फर्जी प्रमाण पत्र पर भी बहुत शिक्षक बहाल हैं जिनमें कुछ पर कार्रवाई हो पाई और बहुत सारे सिस्टम को धत्ता बताते हुए आज भी कायम है। सरकार द्वारा यह प्रलोभन दिया गया था कि फर्जी शिक्षक स्वतः त्यागपत्र दे दे वैसे त्यागपत्र देने वाले

लोकहित में अनिवार्य सेवानिर्वृत: बिहार सरकार Compulsory retirement in public interest: Government of Bihar

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बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने संकल्प जारी कर अपनी मंशा जता दी है कि प्रशासन के सुदृढ़ीकरण हेतु सरकारी सेवकों के कार्यकलापों की आवधिक समीक्षा कर, जिसकी उम्र 50 वर्ष से ज्यादा हो चुकी हो तथा उसकी कार्य दक्षता या आधार ऐसा नहीं है जिससे उसे सेवा में बनाए रखना न्याय हो अथवा जिसे सेवा में बनाए रखना लोकहित में न हो, को सेवानिवृत्त करा सकती है। कौन-कौन प्रभावित हो सकते हैं :- *. जिसकी उम्र 50 वर्ष से ज्यादा हो चुकी है। *. उसकी कार्य दक्षता कम हो गई हो या        *. आधार ऐसा नहीं है जिससे  उसे सेवा में         बनाए रखना न्याय हो अथवा *. जिसे सेवा में बनाए रखना लोकहित में न हो बिहार सरकार का क्या है प्रावधान :- **. बिहार सेवा संहिता के नियम-74(क) में प्रावधानित है कि "राज्य सरकार किसी सरकारी सेवक को, जिसने अपनी प्रथम नियुक्ति की तारीख से कर्तव्य के 21 वर्ष और कुल सेवा के 25 वर्ष पूरे किए हो, सेवानिवृत्ति करा सकती है, यदि वह समझे कि उसकी कार्य दक्षता या आधार ऐसा नहीं है जिससे उसे सेवा में बनाए रखना न्याय हो।" **. बिहार सेवा संहिता के नियम-74(ख)(ii) में प्रावधानित है कि "