कृषि वानिकी (अन्य प्रजाति) योजना से जुड़कर आमदनी बढ़ाएं Increase income by joining Agricultural Forestry (other species) scheme

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन हेतु पेड़ लगाएं

पर्यावरण:-सामान्य शब्दों में कहा जाए तो हमारे चारों ओर केेे आवरण को पर्यावरण कहते हैं। यहां आवरण का तात्पर्य वातावरण से है। प्रकृति ने संपूर्ण जीवमंडल के लिए एक विस्तृत आवरण स्थल, जल एवं वायु के रूप में निर्माण किया है जिसे पर्यावरण कहा जाता है। पर्यावरण की रचना भौतिक, जैविक एवं सांस्कृतिक तत्वों वाले पारस्परिक क्रियाशील तंत्रों द्वारा उत्पन्न होने वाले एक अविभाज्य समष्टि है।

वन (जंगल):-वैसे भू-क्षेत्र जहां सामान्य से अधिक घनत्व मे वृक्ष पाए जातेे हैं उसे वन (जंगल) कहते हैं। वन, जीव जंतुओं पशु पक्षियों पेड़ पौधों के आवास स्थल के साथ साथ जलचक्र नियंत्रण एवं मृदा संरक्षण का आधार है। पृथ्वी के जैव मंडल एवं सबसे प्रमुख स्थलीन परितंत्र वन ही है।

जलवायु परिवर्तन:-किसी क्षेत्रों में लंबेेे समय तक स्थिर औसत मौसम को जलवायु कहते हैं। जब उस क्षेत्र में मौसम के विपरीत प्राकृतिक घटनाएं घटने लगती है तो उसे जलवायु परिवर्तन कहतेे हैं। जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर तापमान में वृद्धि के रूप में देेेखा जाता है। जलवायुुुु परिवर्तन होने से मौसम प्रतिकूल हो जाता है।

जैव विविधता:-किसी प्राकृतिक भू-क्षेत्र में पाई जाने वाली जीव जंतुओं, पशु पक्षियों, पेड़ पौधे एवं सूक्ष्ममजीवों की विभिन्न प्रजातियों की बहुलता को जैव विविधता कहते हैं।
भारतीय संविधान में वर्णित पर्यावरण सुरक्षा का प्रावधान:-
भारतीय संविधान विश्व का पहला संविधान है जिसमें पर्यावरण संरक्षण के लिए विशिष्ट प्रावधान है।
अनुच्छेद 47:-"राज्य अपने को पोषाहार और जीवन स्तर को ऊंचा उठाने और लोक स्वास्थ्य के सुधार को अपने प्राथमिक कर्तव्य में मानेगा और राज्य विशिष्टतया, मादक पेयो और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक औषधियों के औषधीय प्रयोजनों से भिंन्न, उपयोग का प्रतिषेध करने का प्रयास करेगा।"
अनुच्छेद 48 A:-"राज्य पर्यावरण के संरक्षण और सुधार के तथा देश के वनों और वन्य जीवन की सुरक्षा के प्रयास करेगा।"
अनुच्छेद 51 A (G):-संविधान यह आशा करती है की देश का हर नागरिक "वनों, झीलों, नदियों और वन्य जीवन समेेत प्राकृति पर्यावरण का संरक्षण और सुधार करेगा तथा जीवित प्राणियों के प्रति करुणा का दृष्टिकोण रखेगा।"

पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता क्यों:-
मनुष्य ने अपनी स्वार्थ सिद्धि की पूर्ति के लिए पर्यावरण पर लगातार घातक प्रहार कर रहा है जिससे मानव और प्रकृति के बीच संबंध बिगड़ते बिगड़ते बहुत बड़ी खाई बन चुकी है जिसका परिणाम स्वरूप विभिन्न प्रकार की बढ़ती प्रदूषण, प्राकृतिक प्रकोप, प्राकृतिक आपदाएं, प्राकृतिक घटनाएं इत्यादि की घटना होने लगी है। प्रकृति और मनुष्य के बीच बन चुकी खाई को पाटने के लिए पर्यावरण संरक्षण की अति आवश्यकता है।

पर्यावरण संरक्षण हेतु पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग बिहार सरकार पटना द्वारा कृषि वानिकी (अन्य प्रजाति) योजना से जुड़कर आमदनी बढ़ाएं:-
**. मात्र ₹10 प्रति पौधे की सुरक्षित राशि 3 वर्षों के लिए देकर पौधा प्राप्त करें। 3 वर्ष बाद सुरक्षित जमा राशि ₹10 वापस कर दी जाएगी।
**. 3 वर्ष बाद सरकार द्वारा ₹60 प्रति पौधे अलग से दिए जाएंगे।
आवेदन करने की अंतिम तिथि:-08-08-2020
संलग्न आवेदन भरकर निम्न माध्यमों में से कोई एक से भेज सकते हैं:- 
*. ईमेल:-hariyalimission@gmail.com
*. कार्यालय:-स्थानीय वन प्रमंडल या वन प्रक्षेत्र                            कार्यालय
*. व्हाट्सएप नंबर:-7903162319        
विस्तृत जानकारी एवं आवेदन प्रपत्र के लिए क्लिक करें:-https://forest.bih.nic.in/Docs/schemes/krishivaniki%20 os.pdf     
आवेदन कैसे करें:-
       
कृषकों से अनुरोध:-
=>योजना अंतर्गत सुरक्षित राशि ₹10/-प्रति पौधा भुगतान करने हेतु संबंधित वन प्रमंडल पदाधिकारी के कार्यालय से संपर्क कर निम्न माध्यमों से राशि का भुगतान करें।
1. सुरक्षित राशि fixed deposit या NSC जिसकी वैधता 30 जून 2023 तक हो, के माध्यम से संबंधित वन प्रमंडल पदाधिकारी के पदनाम से उपलब्ध कराई जा सकती है।                        या
2. नगद राशि भी जमा की जा सकती है।
जो कृषक पूर्व से आवेदन कर चुके हैं वो,
पौधारोपण से पूर्व किए जाने वाले कार्यकलाप जैसे:-गड्ढा खोदना इत्यादि का कार्य पूर्ण कर संबंधित वन प्रमंडल पदाधिकारी के कार्यालय में सुरक्षित राशि का भुगतान कर पौधे प्राप्त कर सकते हैं।
Plant trees for environment, forest and climate change


 Environment: - Generally speaking, the cover around us is called environment.  The cover here refers to the atmosphere.  Nature has created a wide cover for the entire biosphere in the form of water and air, which is called environment.  The composition of the environment is an inseparable mass produced by interactive systems consisting of physical, biological and cultural elements.


 Forest (forest): - The area where trees are found in higher density than normal is called forest (forest).  Forests, animals, animals, birds, trees, plant habitat as well as the basis of water cycle control and soil conservation.  The biosphere of the Earth and the most important land ecosystem is forest.


 Climate change: - Long-term stable average weather in some areas is called climate.  Climate change is called when natural phenomena occur in the region as opposed to weather.  The greatest impact of climate change is seen in the rise in temperature.  The climate becomes adverse due to climate change.


 Biodiversity: - Biodiversity is the multiplicity of different species of fauna, animals, birds, plants and microorganisms found in a natural terrain.

 Provision of environmental protection described in Indian constitution: -

 The Indian Constitution is the first constitution in the world which has a specific provision for environmental protection.

 Article 47: - "The State shall consider itself as its primary duty to raise the level of nutrition and standard of living and the improvement of public health and the State shall endeavor to prohibit the use of alcoholic beverages and medicines injurious to health, especially for medicinal purposes.  Will do. "

 Article 48 A: - "The State shall make efforts to protect and improve the environment and to protect the forests and wildlife of the country."

 Article 51 A (G): - The constitution hopes that every citizen of the country will "preserve and improve the environment including forests, lakes, rivers and wildlife and will have compassion for living beings."


 Why the need for environmental protection: -

 Human beings are constantly attacking the environment to fulfill their selfishness, thereby

 The deteriorating relationship between man and nature has become a very large gap resulting in various types of increasing pollution, natural outbreaks, natural disasters, natural phenomena etc.  Environmental protection is urgently needed to bridge the gap between nature and man.


 To protect the environment, increase the income by joining the Department of Environment, Forest and Climate Change, Government of Bihar, Patna, in the Agriculture Forestry (other species) scheme: -

 **.  Get the plant by giving a safe amount of ₹ 10 per plant for 3 years.  After 3 years the safe deposit amount of ₹ 10 will be returned.

 **.  After 3 years, the government will give ₹ 60 per plant separately.

 Last date for application: -08-08-2020 By filling the attached application, you can send it by any one of the following means: -

 *.  Email: - hariyalimission@gmail.com

 *.  Office: - Local forest division or forest area office

 *.  Whatsapp number: -7903162319

 Click for detailed information and application form: - https://forest.bih.nic.in/Docs/schemes/krishivaniki%20 os.pdf

 how to apply:-
Request from farmers: -

 => To make a payment of Rs. 10 / - per plant secured amount under the scheme, contact the office of the concerned Forest Divisional Officer and pay the amount through the following means.

 1. The secured amount can be made available through the designation of the concerned Forest Divisional Officer through fixed deposit or NSC with validity till 30 June 2023.  or

 2. Cash can also be deposited.

 Farmers who have already applied,

 You can get the saplings by paying a safe amount to the office of the concerned Forest Divisional Officer after completing the pre-planting activities like: - digging the pit etc.

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