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इंटरमीडिएट कक्षा में नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ

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  इंटरमीडिएट कक्षा में नामांकन हेतु ओएफएसएस की प्रक्रिया :-                                                         बिहार बोर्ड ने सत्र 2020-22 के लिए 11वीं के सभी संकाय (कला विज्ञान वाणिज्य) में नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। सभी संकाय के विद्यार्थियों को नामांकन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बिहार बोर्ड प्रॉस्पेक्टस भी जारी करेगा जिससे फॉर्म भरने में सुविधा होगी। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए सभी कोटि के विद्यार्थियों को ऑनलाइन ही 300 रूपए शुल्क देने होंगे। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए शुल्क के साथ साथ रंगीन फोटो खुद का हस्ताक्षर ईमेल मोबाइल नंबर आदि की आवश्यकता होगी। 11वीं में नामांकन हेतु यहां क्लिक करें:-                           www.ofssonline.in                                         इंटरमीडिएट कक्षा में नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ :- बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पत्रांक BSEB/OFSS/21/20 दिनांक 27/07/2020 के तहत उच्च माध्यमिक विद्यालय, इंटर/डिग्री महाविद्यालय में इंटरमीडिएट के सभी संकाय में नामांकन 04-08-2020 से प्रारंभ हो जाएगी। इससे पूर्व विद्यार्थियो

बिहार के अमान्य संस्थान के प्रमाणपत्रों पर बहाल शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की पुनः सुगबुगाहट Re-vigilance of action against teachers reinstated on certificates of invalid institute of Bihar

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जी हां मैं बात कर रहा हूं बिहार के अमान्य संस्थान के प्रमाण पत्रों का बहाल शिक्षकों की खिलाफ कार्रवाई को लेकर शिक्षा विभाग एक बार फिर सुर्ख़ियो में है। इस बार नियोजित शिक्षकों के अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बहाल 34540 शिक्षक भी कार्रवाई की जद में आ रहे हैं। यह मामला विगत कई वर्षों से कभी कछुआ के चाल तो कभी खरगोश की चाल में चलती नजर आई है। कहीं-कहीं कुछ शिक्षकों पर कार्रवाई होते देखने को मिलता है पुनः विभिन्न कारणों से कार्रवाई रोक दी जाती है। पिछले कुछ दिनों पहले दैनिक समाचार पत्रों में यह खबर छपते ही फर्जी शिक्षकों के बीच हड़कंप मच गई। इस प्रकार के शिक्षक पदाधिकारियों एवं कार्यालयों की ओर दौड़ लगाने लगे कि किसी प्रकार इस मामला को टालमटोल किया जाए। बताते चलें कि बिहार में वर्ष 2006 से ही बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली की जा रही है। टीईटी एसटीईटी के फर्जी प्रमाण पत्र पर भी बहुत शिक्षक बहाल हैं जिनमें कुछ पर कार्रवाई हो पाई और बहुत सारे सिस्टम को धत्ता बताते हुए आज भी कायम है। सरकार द्वारा यह प्रलोभन दिया गया था कि फर्जी शिक्षक स्वतः त्यागपत्र दे दे वैसे त्यागपत्र देने वाले

बिहार राज्य में डी.एल.एड कोर्स हेतु संबद्धता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थानों की पूरी सूची

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डी.एल.एड. का फुल फॉर्म :-प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा डी.एल.एड. क्या है:- प्रारंभिक विद्यालयोंं मे शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य प्रशैक्षणिक योग्यता है। सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में शिक्षण कार्य के लिए प्रशिक्षित होना अनिवार्य है। किसी भी परिस्थिति में अप्रशिक्षित शिक्षक शिक्षण कार्य नहीं करेंगे। शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण प्रदान करने के लिए यह अति आवश्यक है। इस प्रशिक्षण से शिक्षण कला विकसित होती है। बच्चों की सर्वांगीण विकास करने में लाभदायक है। विद्यालय के क्रियाकलाप से पूर्णतः अवगत कराते हुए पूर्ण शिक्षक बनाती है। डी.एल.एड. कोर्स की अवधि:- 2 वर्ष डी.एल.एड. हेतु योग्यता:- किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कम से कम 50% अंक से 12वीं में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। नामांंकन हेतु सभी आरक्षित कोटी/नि:शक्त के लिए अर्हता अंको में 5% की छूट होगी। डी.एल.एड. हेतु उम्र सीमा:- न्यूनतम उम्र-17 वर्ष अधिकतम उम्र-कोई सीमा नहीं। डी.एल.एड. हेतु नामांकन की प्रक्रिया:- डी.एल.एड. संयुक्त प्रवेश परीक्षा, बिहार विद्यालय परीक्षाा समिति द्वारा आयोजित की जाती है। सफल अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण संस्था

लोकहित में अनिवार्य सेवानिर्वृत: बिहार सरकार Compulsory retirement in public interest: Government of Bihar

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बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने संकल्प जारी कर अपनी मंशा जता दी है कि प्रशासन के सुदृढ़ीकरण हेतु सरकारी सेवकों के कार्यकलापों की आवधिक समीक्षा कर, जिसकी उम्र 50 वर्ष से ज्यादा हो चुकी हो तथा उसकी कार्य दक्षता या आधार ऐसा नहीं है जिससे उसे सेवा में बनाए रखना न्याय हो अथवा जिसे सेवा में बनाए रखना लोकहित में न हो, को सेवानिवृत्त करा सकती है। कौन-कौन प्रभावित हो सकते हैं :- *. जिसकी उम्र 50 वर्ष से ज्यादा हो चुकी है। *. उसकी कार्य दक्षता कम हो गई हो या        *. आधार ऐसा नहीं है जिससे  उसे सेवा में         बनाए रखना न्याय हो अथवा *. जिसे सेवा में बनाए रखना लोकहित में न हो बिहार सरकार का क्या है प्रावधान :- **. बिहार सेवा संहिता के नियम-74(क) में प्रावधानित है कि "राज्य सरकार किसी सरकारी सेवक को, जिसने अपनी प्रथम नियुक्ति की तारीख से कर्तव्य के 21 वर्ष और कुल सेवा के 25 वर्ष पूरे किए हो, सेवानिवृत्ति करा सकती है, यदि वह समझे कि उसकी कार्य दक्षता या आधार ऐसा नहीं है जिससे उसे सेवा में बनाए रखना न्याय हो।" **. बिहार सेवा संहिता के नियम-74(ख)(ii) में प्रावधानित है कि "