बिहार के नियोजित शिक्षक: दशा एवं दिशा Employed Teachers of Bihar: Condition and Direction

नियोजित शिक्षक: सर्व शिक्षा अभियान के तहत पंचायती राज अधिनियम के द्वारा बहाली की गई शिक्षकों का नाम नियोजित शिक्षक रखा गया। बिहार में इसकी शुरुआत वर्ष 2003 में की गई। उस समय इन शिक्षकों का नाम शिक्षामित्र रखा गया। शिक्षाामत्र को वर्ष के 11 माह के लिए ₹1500 प्रतिमाह पर रखी गई थी। इन्हें किसी प्रकार की भी कोई अन्य सुविधा नहीं दी गई ।

वर्ष 2006 में बिहार सरकार द्वारा जारी अधिसूचना से यही शिक्षामित्र को 60 वर्षों के लिए स्थायी कर दी गई।
इन्हें कुछ सुविधा भी उपलब्ध की गई जिसमें मुख्यत अवकाश शामिल है। वर्ष के सभी माह के लिए वेतन बढ़ा कर ₹4000 प्रतिमाह कर दी गई। नियोजन इकाई के तहत इनका नामकरण हुआ पंचायत शिक्षक/प्रखंड शिक्षा/माध्यमिक शिक्षक/उच्च माध्यमिक शिक्षक आदि।

बिहार में नियोजित शिक्षकों की संख्या: वर्ष 2020 तक बिहार में नियोजित शिक्षकों की बहाली कई चरणोंं मे संपन्न की गई। प्राथमिक विद्यालयों से उच्च विद्यालयों तक नियोजित शिक्षकोंं की संख्याया लगभग 4.5 लाख है।

बिहार में विद्यालयों की संख्या: बिहार में प्राथमिक विद्यालयों से उच्च विद्यालयों तक की कुल संख्या लगभग 71832 है। जिसमेंं प्राथमिक विद्यालय की संख्या लगभग 21419 एवम् 5871 निर्माणाधीन है।
मध्य विद्यालयों की संख्या लगभग 49623 है। बुनियादी विद्यालयों की संख्या लगभग 790 है। माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों की संख्या लगभग 8000 है।

बिहार में नियोजित शिक्षकों का वेतन:-नियोजित शिक्षकों का वेतन निम्न प्रारूप के अनुसाार दिया जाता है।*नियोजित शिक्षकों को नियुक्ति के प्रथम 2 वर्ष तक लेबल एक का वेतन दिया जाता है।
*प्रारंभिक विद्यालयों में नियुक्त बेसिक शिक्षकों को ग्रेड पे 2000 स्नातक शिक्षकों को ग्रेड पे 2400 एवं स्नातकोत्तर शिक्षकों को ग्रेड पे 2800 दिया जाता है।*सभी शिक्षकों का बेसिक पे 5200 है। अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित होने तक लेवल 1 का वेतन दिया जाता है।
*प्रतिवर्ष इंक्रीमेंट दिया जाता है साथ ही महंगाई भत्ता भी राज्य सरकार के कर्मियों के समान दिया जाता है।
*चिकित्सा भत्ता एवं शहर के अनुरूप हाउस रेंट भी दिया जाता है।
*पीएफ कटौती नहीं की जाती है।
*अर्जित अवकाश नहीं दिया जाता है।

बिहार में नियोजित शिक्षकों का अवकाश:-
a. नियोजित शिक्षकों को प्रतिवर्ष 16 आकस्मिक अवकाश दिया जाता है।
b. महिला शिक्षक/पुस्तकालयाध्यक्ष को दो बच्चों के लिए मातृत्व अवकाश देय है। इसकी अवधि वर्तमान में 135 दिन है। सरकार द्वारा इसे बढ़ाकर 180 दिन कर दिया गया है।
c. चिकित्सा अवकाश:-एक कैलेंडर पंचांग वर्ष में 20 दिनों का चिकित्सा अवकाश चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर अनुमान्य है। इसकी मंजूरी प्रधानाध्यापक द्वारा दी जाती है। पूरी सेवा अवधि में कूल 120 दिनों का चिकित्सा अवकाश देय होगा। किसी भी वर्ष में यह 90 दिनों के लिए एक साथ लिया जा सकेगा। इसे आकस्मिक अवकाश के साथ पूर्व या पश्चात जोड़ा जा सकेगा।
d. विशेष अवकाश:-महिला शिक्षिकाओं/पुस्तकालय अध्यक्ष को प्रत्येक माह में 2 दिनों का विशेष अवकाश देय है। यह एक साथ देय है।
e. असाधारण अवकाश:-उपर्युक्त अवकाश के अतिरिक्त किसी कारणवश एक कैलेंडर वर्ष में 30 दिनों की अवधि के लिए असाधारण अवकाश अनुमान्य है।
f. शैक्षणिक अवकाश:-अवैतनिक 2 वर्षों के लिए शैक्षणिक अवकाश अनुमान्य है।

बिहार में नियोजित शिक्षकों को दंड:-नियोजन इकाई के सचिव विद्यालय सेे आदतन अनुपस्थित रहने, बच्चों को प्रताड़ित करने अथवा अन्य कारणों के लिए नियोजित शिक्षक/पुस्तकालय अध्यक्ष से स्पष्टीकरण पूछ सकेंगे। स्पष्टीकरण प्राप्त होने पर उसका जांच की जाएगी नियोजन समिति के अध्यक्ष की सहमति से विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। उन्हें किसी मामले में जेल में होने अथवा सरकारी राशि के गबन प्रथम दृष्टिया साबित होने/अनाधिकृत अनुपस्थिति/उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना हेतु मामला प्रथम दृष्टया साबित होने पर शिक्षकों को निलंबित किया जाएगा। निलंबन अथवा विभागीय कार्रवाई की दशा में आरोप पत्र गठित कर जांच पदाधिकारी से जांच कराई जाएगी तथा दोषी पाये जाने पर उन्हें निम्न दंड दिए जा सकेंगे:-
लघु दंड:-a. नींदन
               b. वेतन वृद्धि पर रोक
वृहत दंड:-c. प्रोन्नति पर रोक
               d. निम्न पद पर अवनति
               e. सेवा च्युति जो किसी भावी नियुक्ति/
                  नियोजन हेतु निहरता नही होगी।
**गंभीर आरोप साबित होने पर ही वृहत दंड दिए जा सकेंगे तथा वृहत दंड देने के पूर्व संबंधित शिक्षक से द्वितीय कारण पृच्छा किया जाएगा।
**निलंबन अवधि में नियत वेतन के 50% राशि जीवन निर्वाह भत्ता के रूप में देय होगा।
**दंड संबंधी आदेश संबंधित निकाय के सदस्य सचिव के हस्ताक्षर से निर्गत होगा। आदेश में उन तथ्यों का पूर्ण ब्यौरा अतंर्विष्ट होगा जिसके कारण शिक्षक को प्रासंगिक दंड के योग्य पाया गया है।                            Employed teachers: The teachers reinstated by the Panchayati Raj Act under the Sarva Shiksha Abhiyan were named as employed teachers.  It was started in Bihar in the year 2003.  At that time these teachers were named Shikshamitra.  Shikshamatra was kept at ₹ 1500 per month for 11 months of the year.  They were not given any other facility of any kind.


 With the notification issued by the Bihar government in the year 2006, this Shikshamitra was made permanent for 60 years.

 Some facilities were also provided to them, which included mainly holidays.  Salary was increased to ₹ 4000 per month for all months of the year.  He was named as Panchayat Teacher / Block Education / Secondary Teacher / Higher Secondary Teacher etc. under the planning unit.


 Number of teachers employed in Bihar: Restoration of teachers employed in Bihar was completed in several phases by the year 2020.  The number of teachers employed from primary schools to high schools is around 4.5 lakhs.


 Number of schools in Bihar: The total number of schools in Bihar from primary schools to high schools is about 71832.  In which about 21419 and 5871 number of primary schools are under construction.

 The number of middle schools is approximately 49623.  The number of basic schools is about 790.  The number of secondary and higher secondary schools is about 8000.


 Salary of employed teachers in Bihar: - Salary of employed teachers is given according to the following format.

 

 * Teachers employed are paid a salary of label one for the first 2 years of appointment.

 * Basic teachers appointed in elementary schools are given grade pay of Rs.2000 to graduate teachers and grade pay of 2800 to postgraduate teachers. * Basic pay of all teachers is 5200.  Unsupervised teachers are paid Level 1 salary until trained.

 * Every year increment is given as well as dearness allowance is given like state government employees.

 * House allowance is also given as per medical allowance and city.

 * PF is not deducted.

 * Earned leave is not granted.


 Vacation of employed teachers in Bihar: -

 a.  Employed teachers are given 16 casual leave every year.

 b.  Female teacher / librarian is entitled to maternity leave for two children.  Its duration is currently 135 days.  It has been increased to 180 days by the government.

 c.  Medical leave: - A medical leave of 20 days in a calendar almanac year is estimated on the basis of medical certificate.  It is approved by the headmaster.  120 days medical leave will be payable during the entire service period.  In any year, it can be taken together for 90 days.  It can be combined with casual leave before or after.

 d.  Special leave: - Female teachers / library president is entitled to a special leave of 2 days in each month.  It is payable together.

 e.  Extraordinary leave: - Exceptional leave is presumptive for a period of 30 days in a calendar year for any reason other than the above.

 f.  Educational leave: - Unpaid academic leave for 2 years is estimated.


 Penalty to the teachers employed in Bihar: - The Secretary of the planning unit will be able to ask for clarification from the employed teacher / library president for habitually absent from school, harassing children or for other reasons.  On receiving the clarification, it will be examined and departmental action will be initiated with the consent of the Chairman of the Planning Committee.  Teachers will be suspended if they are in jail in any case or proved to be prima facie embezzlement of government money / unauthorized absence / disregard of orders of high officials.  In case of suspension or departmental action, a charge sheet will be constituted and an inquiry will be conducted by the investigating officer and if found guilty, he may be given the following penalties: -

 Short Penalty: - a.  Sleep

 b.  Restriction on increments

 Grand sentence: - c.  Ban promotion

 d.  Down gradation

 e.  Service leave

 There will be no stare for employment.

 ** Only on proving serious charges, major punishments can be given and second reason will be sought from the teacher concerned before giving big punishments.

 ** 50% of the fixed salary in the suspension period will be payable as life subsistence allowance.

 ** Penalty order will be issued with the signature of the member secretary of the concerned body.  The order will contain full details of the facts that have led to the teacher being found worthy of the relevant punishment.

Comments

Arti said…
सरकार की ऐसी मंसा है कि बिहार के नियोजित शिक्षक कभी नही नियमित बन सकते हैं.

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