प्रवासी
भारत वाशी हूं
बिहार वाशी हूं।
मेहनत मजदूर हूं
अमीरों की शान
गरीबों का रोजगार
जीवकोपार्जन का नामी हूं
रोज़ी रोटी की तलाश
आधा अधूरा पगार
दुत्कार का पैग़ाम
दुःख दर्द कष्ट का साथी हूं
उत्पादक
निर्माणकर्ता सुंदरता
गाली लात जूता
गले का हार भागी हूं
अल्ट्टालिका
खिलखिलाता
मुस्कुराहट चका चौंध
दुनिया बदनसीबी हूं
खुशबूदार लजीज
हाथों से परोशा
पेट तरसा पांव थका
फिसला न प्लेट थामी हूं
फैंसी ड्रेस क्या
ब्रांड गुजरता
मेरे बदन को छू
मजाल क्या दिल लगी हूं
सफर सुहाना
सामान्य मेरा
बदबू गंदगी भूखे प्यासे
नंगे पाव
तपती सड़के
भूखे पेट
मन प्यासा
नंगा बदन आगे बढ़ते
कर्म का हारा
बदहाल फटेहाल आर्थिक तंगी
नसीब का मारा
चले जा रहे हैं चले जा रहे हैं
रोने वाले रोते चीखते
सत्ता के गलियारों को धिक्कारते
चिलचिलाती धूप गर्मी
सहते शरीर निकलते पसीना
दम तोड़ती गरीब मजदूर असहाय
दम तोड़ती विकाश की हकीकत
दम तोड़ती सारे वादे दावे आगे बढ़ता बदन
अपने ही देश
अपने ही राज्य
अपने ही सरकार
अपने ही लोग
अपने ही नाते रिश्तेदार
सुना था मुसीबत का सहारा
सब व्यर्थ सब झूठी
कोई नही अपना कोई नही अपना
दर्द पूछता है दुःख धिक्कराता है
कैसे अपने
सब अपना
तो प्रवासी कैसा तो प्रवासी कैसा
पूछता हूं मैं प्रवासी कैसा
साक्ष्य हैं नदी नाले
गली सड़के
खून से लथपथ राह
पेड़ों की छाव से पूछो
कष्ट की कहानी
टूटी फूटी किस्मत वाले
साईकिल ठेला रिक्सा
बैल गाड़ी को खींचता
हिम्मती बेटा
उन नौनिहालों को खड़खड़ाती
सूटकेश की पहिया
सोया है संसार सोया है सत्ता
जागा है मां के हाथ
जागा है मां के पैर
जागा है सूटकेश का चक्का
ममता खींच रही भविष्य के पालनहार
जागरूक कर्मठ बेटी ज्योति
जीते जी पितृ ऋण से मुक्त
बीमार पिता नाबालिक बेटी
हौंसला बुलंद
कर्मठ इरादा
कराहती व्यवस्ता इंतजाम
धत्ता बताती ले आया
पिता को लाध
गुरु के गाऊ
मैथिल कोकिल के आंगन
शर्मिंदगी शर्मा गई
बधाई का मान बढ़ा
सम्मान का साथ बढ़ा
पुरस्कार का पुण्य मिला
ज्योति का प्रकाश फैला
अपने घर विमुख हुआ
बचपन की करतूत याद आया
विद्यालय से भागा
प्रदेश गया
महामारी का तांडव
संक्रमण का रौद्र रूप
प्राण बचाने का संकट
विद्यालय का भागा वापस आया
शरण मिला 14 दिन रुका
मिला मान और सम्मान
अपनी मिट्टी की ताजी हवा
खूसनुवा मौहल
मिला अपना परिवार मिला संसार
अपनी मिट्टी से लूंगा काम
अपनी मिट्टी में जिऊंगा मरूंगा
यही अपना संस्कार यही अपना संस्कार
पूछता है विचार
पूछता है व्यवहार
पूछता है बिहार
पूछता है हिंदुस्तान
मैं कैसे बना प्रवासी
I am an Indian
Am bihar
I am a hard worker
Pride of the rich
Poor employment
Am famous for earning a living
Search for livelihood
Half-finished salary
Charge of duty
Sad pain pain partner
Manufacturer
Creator Beauty
Abuse kick shoe
Neck necklace
Altaalica
Blossoming
Smile blurred
The world is bad
Aromatic gastronomy
Serve with hands
Stomach tired feet tired
I did not slip the plate
What fancy dress
Brand passes
Touch my body
What is my heart
Travel pleasant
Normal mine
Stink dirt hungry thirsty
Bare feet
Heat roads
empty stomach
Thirsty
Moving naked
Loser of karma
Financial crisis
Destiny hit
Going away going
Weepers cry
Damn the corridors of power
Scorching sun heat
Sweat sweat
Poor laborers helpless
The reality of dying development
All the promises claiming to be dead
Own country
Own state
Our own government
Our own people
Relatives on my own
Had heard of trouble
All vain all false
No one but no one
Pain asks hurts sorrow
How your
All our
So how is the migrant like?
Ask how do I migrate
Evidence is river rivulets
Street streets
Blood soaked road
Ask tree trees
Story of suffering
Broken ones
Bicycle Lock Ricksa
The bullock pulls the car
Snow son
Rattle those nines
Suitcase wheel
Soya hai samsara soya hai satti
Mother's hand is awakened
Mother's feet awake
Wake up suitcase
Mamta is pulling the future parents
Aware, diligent daughter Jyoti
Live father free from debt
Sick father minor daughter
Honsala Buland
Hard work
Moaning arrangement
Dhatta brought it down
Father kicks
Master's cow
Maithil Kokil Courtyard
Embarrassed shame
Congratulations increased
Increased respect
Rewarded by virtue
Light spread
Lost your home
Remember the handiwork of childhood
Ran from school
Went to state
Epidemic orgy
Infectious form of infection
Life saving crisis
School run came back
Got shelter stayed for 14 days
Got respect and honor
Fresh air of your soil
Khushanuva Mahal
Found your family, found the world
I will work with my soil
I will die in my soil
This is our own culture
Asks thoughts
Asks behavior
Asks Bihar
Asks Hindustan
How i become a migrant
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