वज्रपात (ठनका) से सुरक्षा Protection from thunderclap


वज्रपात
क्या है
:-                                                वज्रपात को सामान्य बोलचाल की भाषा में ठनका भी कहते हैं। यह एक आकाशीय घटना है जो बादल को आपस में टकराने से उत्पन्न में होता है। बादल को आपस में टकराने से घर्षण बल उत्पन्न होती है और घर्षण से अपार मात्रा में उर्जा का निर्माण होता है। यही ऊर्जा कड़कती और चमकती बिजली के रूप में दिखाई देता है। आकाश से धरती की ओर गिरती हुई यही बिजली को बज्रपात कहा जाता है।
मानसून के मौसम में वज्रपात की घटना बढ़ जाती है।
वज्रपात में पहले प्रकाश बाद में आवाज क्यों देखने और सुनने को मिलता है:-
वायु व निर्वात में प्रकाश की चाल सबसे अधिक होती है। यह 3×10⁸m/s होती है जबकि ध्वनि की चाल वायु मैं मात्र 332 m/s होती है। इसी अंतर के कारण बज्रपात के समय उत्पन्न होने वाले प्रकाश पहले दिखाई देते हैं और आवाज रूपी ध्वनि बाद में सुनाई देती है। स्वाभाविक है जिस की गति जितनी तेज होगी वह उतनी ही जल्दी दिखाएं वह सुनाई देगी।
बज्रपात ज्यादातर ऊंचे पेड़ या मकान पर ही क्यों गिरते हैं:-
वज्रपात बिजली तरंग की तरह की तरह कार्य करती है। ऊंचे पेड़ या मकान इस बिजली तरंग को चुंबक की भांति खींचने का काम करती है जिसके कारण वज्रपात ज्यादातर ऊंचे पेड़ या मकान पर ही गिरते हैं।
वज्रपात को मकान पर गिरने से बचाने का उपाय:-
बज्रपात में अपार ऊर्जा होती है जो काफी जान-माल को क्षति पहुंचाती है। इस क्षति से बचने के लिए ऊंचे मकान में छत से उच्च कोटि के बिजली सुचालक तार को अलग से वायरिंग करते हुए जमीन से जोर देनी चाहिए इससे होता यह है कि वज्रपात रूपी बिजली इस वायरिंग होते हुए जमीन में प्रवेश कर जाती है और क्षति से बच जाते हैं।
वज्रपात से बचाव हेतु क्या करें:-
1. यदि आप खुले में हो तो शीघ्रातिशीघ्र किसी पक्के मकान में शरण ले।
2. सफर के दौरान अपने वाहन में ही बनी रहे।
3. समूह में न खड़े हो, बल्कि अलग अलग खड़े रहें।
4. यदि आप जंगल में हो तो बोने एवं घने पेड़ों के शरण में चले जाएं।
5. धातु से बने कृषि यंत्र-डंडा आदि से अपने को दूर कर दें।
6. आसमानी बिजली के झटका से घायल होने पर पीड़ित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र ले जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
7.स्थानीय रेडियो एवं अन्य संचार साधनों से मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहें।
8. यदि आप खेत खलिहान में काम कर रहे हो और किसी सुरक्षित स्थान की शर्म ना ले पाए हो तो:-
*. जहां है वहीं रहे, हो सके तो पैरों के नीचे सुख की चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख ले।
*. दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन के तरफ यथासंभव झुका लें तथा सिर को जमीन से ना सकने दें।
*. जमीन पर कदापि न लेटे।
9. यदि आप साइकिल व मोटरसाइकिल पर हो तो उससे दूर हो जाएं।
वज्रपात से बचाव हेतु क्या न करें:-
1. खिड़कियां, दरवाजे, बरामदे के समीप तथा छत पर न जाएं।
2. तालाब और जलाशय के समीप न जाएं।
3. बिजली के उपकरण या तार के साथ संपर्क से बचे व बिजली के उपकरणों को बिजली के संपर्क से हटा दें।
4. ऐसी वस्तुएं, जो बिजली की सुचालक हैं, उनसे दूर रहें।
5. बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें। बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा, तार की बाड़, मशीन आदि से दूर रहें।
6. ऊंची इमारत (मकान) वाले क्षेत्रों में शरण नहीं लें।
7. साथ ही बिजली एवं टेलीफोन के खंभों के नीचे कदापि शरण नहीं लें, क्योंकि ऊंचे वृक्ष, ऊंची इमारतें एवं टेलीफोन/बिजली के खंभे आसमानी बिजली को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
8. पैदल जा रहे हैं तो धातु की डंडी वाले छातो का उपयोग न करें।
9. यदि घर में हो तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुएं।
वज्रपात से संबंधित अपवाह एवं अंधविश्वास:-
1. वज्रपात को दैवीय घटना कहा जाता है । प्रभावित होने वाले क्षेत्र को दैवीय प्रकोप माना जाता है। कहा जाता है कि जिस क्षेत्र के लोग देवताओं के पूजा पाठ या उनके विरुद्ध होने वाली घटना से जोड़कर देखते हैं जो सर्वथा अनुचित एवं अंधविश्वास है।
2. ऐसा कहा जाता है कि गोबर की ढेर पर बज्रपात हो तो गोबर सोना की ढेर में तब्दील हो जाता है। विज्ञान कहती है ऐसी कोई घटना अभी तक घटित नहीं हुई है यह केवल और केवल अफवाह तथा अंधविश्वास है।
3. वज्रपात से प्रभावित व्यक्ति को उसके कर्मों से जोड़ दिया जाता है। कहा जाता है उसने कोई गलत काम किया है जिसके कारण उसके शरीर पर वज्र गिरा है। यह भी एक अंधविश्वास ही हैं।
वज्रपात से क्षति:-
वज्रपात में अपार उर्जा संग्रहित होती है। इससे जान माल एवं प्राकृतिक संसाधनों की काफी क्षति होती है। वज्रपात जंगल में गिरने से आग लग जाती है जिससे जंगल के पेड़ पौधे पशु पक्षियों को काफी क्षति पहुंचती है। मैदानी इलाकों में ताड़ के पेड़ पर अक्सर वज्रपात होते देखने को मिलता है जिससे पेड़ जलकर सूख जाती है।
जून 2020 में बिहार के विभिन्न जिलों में वज्रपात के कारण 1 से 2 दिन में ही तकरीबन 80 लोगों की मृत्यु हो गई।                                                                                        What is thunderclap: - Thunderclap is also known as thonka in the common colloquial language.  It is a celestial phenomenon that occurs when a cloud collides with one another.  The force of friction is created by hitting the cloud with each other, and friction creates an enormous amount of energy.  This energy is seen in the form of lightning and flashing lightning.  This lightning falling from the sky towards the earth is called a barge.

 The occurrence of thunderclap increases during the monsoon season.

 Why the light is seen first in the lightning and then it is seen and heard: -

 The speed of light is highest in air and vacuum.  It is 3 × 10⁸m / s while the speed of sound is only 332 m / s in air.  Due to this difference, the light produced at the time of the fall is seen first and the sound of the sound is heard later.  It is natural that the faster the speed, the faster it will be heard.

 Why most of the trees fall on tall trees or houses: -

 Thunderclap acts like a lightning wave.  High trees or houses act as a magnet to pull this lightning wave, due to which thunderstorms mostly fall on tall trees or houses.

 Measures to prevent thunderclap from falling on the house: -

 There is a lot of energy in the barge which damages a lot of life and property.  In order to avoid this damage, high-quality electrical conductor wire from the roof in a high house should be stressed by wiring it separately. This means that lightning-like electricity enters the ground through this wiring and avoid damage.  Go.
 What to do to prevent thunderclap:

 1. If you are in the open, take shelter in a pucca house as soon as possible.

 2. Stay in your vehicle during the journey.

 3. Do not stand in a group, but stand separately.

 4. If you are in the forest, then go to the shelter of sowing and dense trees.

 5. Remove yourself from agricultural machinery made with metal etc.

 6. If injured by a sky electric shock, arrangements should be made to take the victim to the nearest first aid center immediately.

 7. Keep on receiving weather information through local radio and other means of communication.

 8. If you are working in the farm barn and have not been ashamed of any safe place then:

 *.  Wherever you are, keep the things of pleasure, such as wood, plastic, sack or dry leaves under your feet.

 *.  Keep both feet together, keep both hands on knees, tilt your head towards the ground as much as possible and do not allow the head to fall from the ground.

 *.  Never lie on the ground.

 9. If you are on a bicycle and a motorcycle, get away from it.

 What not to do to prevent thunderclap: -

 1. Do not go to windows, doors, verandahs and roofs.

 2. Do not approach the pond and reservoir.

 3. Avoid contact with electrical equipment or wire and remove electrical equipment from electrical contact.

 4. Stay away from objects that are conductors of electricity.

 5. Do not use items made of metal when outside.  Stay away from bike, electric or telephone pole, wire fence, machine etc.

 6. Do not take refuge in areas with high building (houses).

 7. Also, never take shelter under electric and telephone poles, because tall trees, tall buildings and telephone / electric poles attract sky electricity.

 8. When going on foot, do not use umbrellas with metal sticks.

 9. If in the house, do not touch the water tap, fridge, telephone etc.

 Runoff and superstition related to thunderbolt: -

 1. The thunderclap is called a divine event.  The area affected is considered a divine outbreak.  It is said that the area where people see the worship of the gods or the events against them, which is completely unfair and superstitious.

 2. It is said that if there is a fall on a pile of cow dung, then the cow dung becomes a pile of gold.  Science says that no such incident has happened yet, it is only and only rumor and superstition.

 3. A person affected by a thunderclap is attached to his deeds.  It is said that he has done something wrong due to which a thunderbolt has fallen on his body.  This too is a superstition.

 Lightning damage: -

 There is immense energy stored in the thunderbolt.  This results in a lot of loss of life, property and natural resources.  The thunderclap falls into the forest causing a fire, causing great damage to the trees and animals of the forest.  Thunderstorms are often seen on palm trees in the plains, which causes the tree to burn and dry.

 In June 2020, about 80 people died within 1 to 2 days due to lightning in various districts of Bihar.

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