दहशत भड़ी रातें बितती देख : प्रलय की धारा
वैशाख की सुखार झुलसती धरती जेठ की तपती गर्मी तरसती कंठ तड़पती पेड़ पौधे अकौलाते पशु पक्षी बौखलाते कीट पतंगे बिनबिनाती छटपटाती जिंदगी दहशत भड़ी रातें बितती देख : प्रलय की धारा रहम कर समुंद्र से उठा गगन चुमा पाया सहारा हवा का मिला दिशा कड़ाहती जीवन मचलती पवन चला इठलाती घूमरती शैर करती बादल उमड़ा दहशत भड़ी रातें बितती देख : प्रलय की धारा साथ हो लिया आंधी तूफान गरजने लगा आसमान कड़कने लगा बिजली कौंधने लगा जीवन बरसने लगा तृप्त होने लगा धरती बुझा प्यास झूमने लगा पेड़ पौधे पशु पक्षी और कीट पतंगे दहशत भड़ी रातें बितती देख : प्रलय की धारा भड़ने में लगा पोखर तालाब चौड़ चाचड़ गूंजने लगा मेंढ़कों की टर टराहट सर सराहट सुगबूगाने लगा नदी नाले की गर गराहट घबराहट बढ़ने लगा देख प्रलय का संकेत दहशत भड़ी रातें बितती देख : प्रलय की धारा उफनाने लगी नदी सीमा पार को आतुर भड़ गई पेटी जलधारा छू गई किनारा आ गई मुसीबत की बाढ़ बढ़ गई चौकसी बांध किनारे लगा कृत्रिम प्रकाश हो गई आवाजाही दहशत भड़ी रातें बितती देख : प्रलय की धारा प्रकृति का प्रकोप स