बिहार के विद्यालयों में रात्रि प्रहरी बहाली की संपूर्ण जानकारी Complete information about night guard sentinel in Bihar schools
रात्रि प्रहरी:-सामान्यत रात में संपत्ति की सुरक्षा करने वाले को रात्रि प्रहरी कहा जाता है। यह पूरी रात जाग कर निगरानी करते रहता है।
रात्रि प्रहरी की आवश्यकता क्यों:-चोरी की घटना को रोकने के लिए रात्रि प्रहरी की आवश्यकता होती है। विद्यालयों में भौतिक सामग्री की उपलब्धता अधिक होने से चोरी की संभावना बढ़ जाती है और आए दिन देखने को मिलता था की विद्यालय की संपत्ति चोरोंं द्वारा चोरी कर ली जाती थी। संपत्ति की सुरक्षा हेतु रात्रि प्रहरी की आवश्यकता बढ़ गई थी।
किस किस विद्यालय में रात्रि प्रहरी की आवश्यकता होगी:-
राजकीय/राजकीयकृत/प्रोजेक्ट माध्यमिक/उच्च माध्यमिक/एवं उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय में रात्रि प्रहरी की व्यवस्था करनी है।
रात्रि प्रहरी की चयन प्रक्रिया:-
1. जिस विद्यालय में दो या उससे अधिक पुरुष आदेशपाल पदस्थापित है वहां चकरानुक्रम में उनसे रात्रि प्रहरी का कार्य लिया जाए। इस प्रकार एक या एक से अधिक आदेशपाल विद्यालय अवधि में कार्य करेंगे और एक आदेशपाल रात्रि प्रहरी का कार्य करेंगे। एक ही आदेशपाल से विद्यालय अवधि के साथ साथ रात्रि प्रहरी का कार्य नहीं लिया जाएगा।
2. जिस विद्यालय में मात्र एक पुरुष आदेशपाल या एक पुरुष एवं एक/एक से अधिक महिला आदेशपाल पदस्थापित है तो वहां संबंधित विद्यालय के विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा स्थानीय लोगो में एक रात्रि को अस्थाई रूप से ₹5000/-के मासिक मानदेय पर अनुबंध पर रखा जा सकता है। विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा रखें जाने वाले रात्रि प्रहरी से यह शपथ पत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा कि भविष्य में वें स्थाई रूप से नियोजन हेतु दावा नहीं करेंगे। अनुबंध पत्र में अंकित रहेगा कि कार्य में लापरवाही बरतने एवं गंभीर त्रुटि होने की स्थिति में अनुबंध समाप्त कर दी जाएगी।
3. वैसे विद्यालय जहां विद्यालय प्रबंध समिति गठित नहीं है अथवा विद्यालय विकास कोष का संधारण नहीं है।
उन विद्यालयों में पूर्व से संचालित विद्यालय शिक्षा समिति स्थानीय व्यक्ति का चयन कर अनुबंध पर रखेगी। अनुबंध पत्र प्रधानाध्यापक के द्वारा हस्ताक्षरित होगा।
4. रात्रि प्रहरी के चयन में यह ध्यान रखा जाए कि चयनित व्यक्ति विद्यालय से संबंधित किसी भी कर्मी/शिक्षक/अन्य का संबंधी ना हो।
रात्रि प्रहरी के मानदेय का भुगतान:-रात्रि प्रहरी को अस्थाई रूप से ₹5000 मासिक मान देय देना है। यह मानदेय का भुगतान विद्यालय विकास कोष की राशि से किया जाना है।
**जिस विद्यालय के विकास कोष में राशि नहीं है वैसे विद्यालय के रात्रि प्रहरी को मानदेय भुगतान हेतु राशि जिला कार्यालय, बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
रात्रि प्रहरी की जवाबदेही:-विद्यालयों अधिस्थापित उपस्कर, प्रयोगशाला, पुस्तक, क्रीड़ा सामग्री, कंप्यूटर आदि सहित बिहाार उन्नयन योजना अंतर्गत स्मार्ट क्लास हेतु उपलब्ध कराए गए टेलीविजन, विभिन्न्न स्रोतो से प्राप्त कंप्यूटर आदि उपकरणोंं की सुरक्षा की जवाबदेही है।
रात्रि प्रहरी को दंड:-सुरक्षा में चूक के कारण विद्यालय में अधिस्थापित किसी सामग्री की यदि चोरी होती है, तो इसके लिए संबंधित रात्रि प्रहरी एवं विद्यालय के प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक पर जवाबदेही निर्धारित की जाएगी। साथ ही, जांच में जिस पर लापरवाही प्रमाणित होगी, उनसे चोरी हुई सामग्री के रकम की वसूली उनके वेतन/मानदेय से करते हुए उसे विद्यालय विकास कोष में जमा कराई जाएगी।
रात्रि प्रहरी हेतु प्रचार प्रसार:-विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों के बीच आवश्यक प्रचार प्रसार किया जाए एवं निर्देशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए। Night watchman: - Normally, the guard of property at night is called night guard. It keeps monitoring all night.
Why the need for night watchdog: - Night watchdog is needed to prevent the occurrence of Chori. The availability of physical material in schools increases the chances of theft and it was seen that the property of the school was stolen by thieves. The need for night guard was increased to protect the property.
In which school will the night guard be required: -
Arrangement for night guard is to be done in state / state / project / secondary / higher secondary / high school.
Selection process of night guard: -
1. In the school where two or more male commanders are posted, the work of night guard should be taken from them in rotation. In this way one or more Adeshpal will work during the school term and one Adeshpal will work as night guard. Work of night guard will not be taken from the same commander along with the school period.
2. In a school in which only one male commander or one male and one / more female commander are posted, then the local management of the local school on one night on a monthly honorarium of ₹ 5000 / - by the school management committee of the concerned school. can be placed. It will be necessary to obtain an affidavit from the night guard to be kept by the school management committee that in future they will not claim for permanent employment. It will be mentioned in the contract letter that the contract will be terminated in case of negligence and serious error in the work.
3. Schools where School Management Committee is not constituted or school development fund is not maintained.
In those schools, the school education committee already run will select the local person and put it on contract. The contract will be signed by the headmaster.
4. In the selection of night guard, care should be taken that the selected person should not be related to any worker / teacher / other related to the school.
Payment of honorarium of night guards: - The monthly guardian has to pay a monthly fee of ₹ 5000. This honorarium has to be paid from the amount of School Development Fund.
** The amount will be provided by the District Office, Bihar Education Project for honorarium payment to the night guard of the school, which does not have funds in the development fund.
Responsibility of night guards: - The colleges are responsible for the safety of equipment, television, computers, computers, etc. obtained from various sources under the Upgradation Plan, including installed equipment, laboratory, books, sports material, computers etc.
Penalty to the night guard: - If there is theft of any material installed in the school due to a lapse in security, then accountability will be fixed on the concerned night guard and the headmaster / in-charge of the school. Also, during the investigation on which negligence will be verified, the amount of stolen material from them will be collected from their salary / honorarium and submitted to the Vidyalaya Vikas Kosh.
Publicity for Night Guard: - Necessary publicity should be done among the members of the College Management Committee and the implementation of the instructions should be ensured.
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