बिहार में बाढ़ की समस्या और समाधान Bihar flood problem and solution

बाढ़ क्या है:-
सामान्यत बाढ़ का संबंध नदी से है। नदी के जल स्तर में अप्रत्याशित वृद्धि होने से स्थलीय भाग कई दिनों तक जलमग्न रहता है। नदी में जल विधि अत्यधिक बारिश होने के कारण होती है। मानसून आते ही बारिश प्रारंभ हो जाती है जिसका पानी विभिन्न माध्यमों से नदी तक पहुंचती है जिससे नदी विकराल रूप धारण कर निकटवर्ती भागों को जल मांग करें भारी तबाही मचाती है जिसे सामान्य भाषा में बाढ़ कहा जाता है।
बाढ़ आने का कारण:-
बाढ़ प्राकृतिक पर्यावरण का एक गुण है तथा अपवाह बेसिन के जलीय चक्र का संघटक है। बाढ़ एक प्राकृतिक एवं मानव जनित घटना है तथा अति जल का परिणाम है।
*. जल प्रवाह धारा यानी नदी का छिछला हो जाना भी उत्तरदायित्व है। नदी का छिछला होने से गहराई कम होने लगता है जिससे कम पानी में ही नदी की पेटी उफनाने लगती है और स्थलीय भाग में पानी फैल जाता है।
*. नदी के पेटी या किनारे अवैध निर्माण के कारण चौराई कम होती जा रही है जिससे नदी का प्रवाह अवरुद्ध होता है और जल में अप्रत्याशित वृद्धि हो कर आसपास के क्षेत्रों में फैल जाता है।
*. नदी की धारा को घरेलू कचरा भी अवरुद्ध करती है।
*. नदी की ढाल तराई क्षेत्र में अधिक होती है और मैदानी भाग में आने पर अचानक ढाल नगण्य हो जाता है।
*. नदियों में बालू तथा पाक का जमाव होने से नदियों की गहराई कम हो जाती है।
*. अधिक वर्षा के कारण नेपाल के जल क्षेत्र में जल स्तर का निरंतर वृद्ध होने के कारण नेपाल बराज द्वारा लाखों क्यूसेक पानी छोड़ दिया जाता है। इस पानी के आते ही उत्तर बिहार में नदियों का जल स्तर बढ़ जाता है और कमजोर तटबंध टूट जाते हैं जिसके कारण उत्तरी बिहार में बाढ़ आ जाती है।

बिहार में बाढ़ लाने वाले मुख्य नदी:-
बिहार दो भौगोलिक क्षेत्रों में बंटा है-उत्तरी बिहार और दक्षिण बिहार का मैदानी भाग। गंगा की धारा इस विभाजन को बांटती है। दक्षिण बिहार में बहने वाली नदियां पठारी भाग से निकलती है जो सामान्यतः गर्मी के दिनों में सूख जाती है या पानी बहुत कम हो जाती है।
उत्तर बिहार में बहने वाली नदियां हिमालय से निकलती है और यह सदा प्रवाहिनी होती है। बाढ़ से तबाही मचाने वाले नदियां उत्तर बिहार में प्रवाहित होती है जिसमें प्रमुख निम्न है:-गंगा, सरयू, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला, बलान, कोसी, महानंदा, अधवारा, माही, व्याघ्रमुखी, झड़ही, दाही, जमुनिया, भुतही बलान, कौशिकी, सउरा, हईयाधर, काली कोशी इत्यादि।
बिहार में बाढ़ से प्रभावित प्रमुख जिला:-
उत्तर बिहार के 18 जिले बाढ़ से प्रभावित होते रहते हैं। इन 18 जिलों में तिरहुत, दरभंगा और कोसी प्रमंडल के सभी जिलों के अलावे मुंगेर प्रमंडल का बेगूसराय और खगरिया तथा भागलपुर का नवगछिया अनुमंडल है।
समस्तीपुर दरभंगा बेगूसराय सहरसा सुपौल मधेपुरा खगरिया वैशाली मुजफ्फरपुर शिवहर सीतामढ़ी पश्चिम चंपारण पूर्वी चंपारण सारण सिवान गोपालगंज कटिहार किशनगंज पूर्णिया आदि जिले में प्रतिवर्ष बाढ़ आती है।
बाढ़ की समाधान:-
*. बाढ़ की रोकथाम के लिए तटबंधो और बांधों के निर्माण के साथ-साथ निर्मित बांधों की मरम्मत की आवश्यकता है।
*. नदियों को नियंत्रित करने के लिए नदी घाटी बहुद्देशीय परियोजना का निर्माण कर जलाशयों नहरो और बांध का निर्माण कर नदी जल से सिंचाई एवं विद्युत उत्पादन कार्य किए जा सकते हैं।
*.नदी के प्रवाह मार्ग को अवरुद्ध न किया जाए।
*. नदी को समय-समय पर उराही किया जाए।
*. नदी के किनारे हो रहे अवैध निर्माण को रोका जाए।
*. नदी में घरेलू एवं औद्योगिक कचरा न डाला जाए।
बाढ़ से उत्पन्न होने वाली समस्या:-
स्थलीय भाग में बाढ़ आ जाने से जनजीवन प्रभावित होता है। जान माल की काफी क्षति होती है। खड़ी फसलें पेड़ पौधे बर्बाद हो जाते हैं। पशु पक्षियों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। पशुओं के रहने वाले क्षेत्र में पानी फैल जाने से उसका जीवन संकट में पड़ जाता है। सभी जीव जंतु को अनेक प्रकार की समस्या को झेलना पड़ता है। यातायात के साधन बंद हो जाते हैं। भोजन पानी की उपलब्धता में कमी हो जाती है। सड़के बांध टूट जाते हैं। रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। घर मकान गिरने लगते हैं। पालतू पशुओं की चारा की उपलब्धता कम हो जाती है। इत्यादि।
बाढ़ से उत्पन्न होने वाले लाभ:-
*.बाढ़ समाप्त होने के बाद जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है जिससे फसल का पैदावार अच्छी होती है। *.जमीन का जल स्तर ऊपर आ जाता है।
*. जलाशयों यथा तालाब पोखर चौड़ मन में पानी भर जाने से सिंचाई होते रहता है।
*. नदियों में मछलियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि होती है।
*. नदियों की सफाई हो जाती है।

बाढ़ के समय विशेष परिस्थिति में रखी जाने वाली सामग्री:-
तारकोलीन पन्नी, छाता, रेनकोट, टॉर्च, माचिस, लाठी, बैग इत्यादि।
रेडीमेड खाने योग्य सामग्री जैसे चूड़ा गुड़ सत्तू नमक चना आवश्यक दवा बच्चों के लिए दूध या दूध का पाउडर कुछ दैनिक उपयोग की कपड़ा इत्यादि।       what is flood:-

 The flood is generally related to the river.  Due to unexpected rise in the water level of the river, the terrestrial part remains submerged for several days.  The water system in the river is caused by excessive rainfall.  As soon as the monsoon comes, the rain starts, whose water reaches the river by various means, which causes the river to form a monstrous form and demand water to the nearby parts, causing a huge catastrophe which is called flood in common language.

 Causes of floods: -

 Flooding is a feature of the natural environment and is a component of the drainage basin's aquatic cycle.  Flood is a natural and man-made phenomenon and the result of excessive water.

 *.  It is also the responsibility of the water stream to become shallow.  Due to the shallowness of the river, the depth decreases, due to which the belt of the river starts brewing in less water and water is spread in the terrestrial part.

 *.  Due to illegal construction on the banks or banks of the river, the width is decreasing due to which the flow of the river is blocked and unexpected increase in water spreads to the surrounding areas.

 *.  Domestic waste also blocks the stream of the river.

 *.  The slope of the river is higher in the Terai region and when coming in the plains, the gradient becomes negligible.

 *.  Deposition of sand and pak in the rivers reduces the depth of the rivers.

 *.  Millions of cusecs of water is released by the Nepal Barrage due to continuous increase in the water level in Nepal's water area due to excess rainfall.  With the arrival of this water, the water level of the rivers in North Bihar rises and weak embankments break, causing floods in North Bihar.


 The main rivers that flood Bihar: -

 Bihar is divided into two geographical regions - North Bihar and the plains of South Bihar.  The river Ganges divides this division.  The rivers flowing in South Bihar originate from the plateau which usually dries up during the summer days or the water gets very less.

 The rivers flowing in North Bihar originate from the Himalayas and are always flowing.  The flood-ravaged rivers flow into North Bihar with the following being: Ganga, Saryu, Gandak, Budhi Gandak, Bagmati, Kamla, Balan, Kosi, Mahananda, Adhwara, Mahi, Vyaghramukhi, Jhadhi, Daahi, Jamuniya, Bhuthi  Balan, Kaushiki, Saura, Haiyadhar, Kali Koshi etc.

 Major districts affected by floods in Bihar: -

 18 districts of North Bihar continue to be affected by floods.  In these 18 districts, apart from all the districts of Tirhut, Darbhanga and Kosi divisions, Begusarai and Khagaria of Munger division and Navgachiya subdivision of Bhagalpur.

 Samastipur Darbhanga Begusarai Saharsa Supaul Madhepura Khagaria Vaishali Muzaffarpur Shivhar Sitamarhi West Champaran East Champaran Saran Siwan Gopalganj Katihar Kishanganj Purnia etc. The district gets floods every year.

 Solution of flood: -

 *.  The prevention of floods requires the construction of embankments and dams as well as the repair of built dams.

 *.  Irrigation and power generation works can be done from river water by constructing reservoir canals and dams by constructing river valley multipurpose project to control rivers.

 *. Do not block the flow of rivers.

 *.  The river should be diverted from time to time.

 *.  Illegal construction on the banks of the river should be stopped.

 *.  Household and industrial waste should not be dumped in the river.

 Problems arising from floods: -

 Life is affected due to flooding in the terrestrial part.  There is a lot of loss of life and property.  Steep crops ruin trees and plants.  Animal birds face considerable problems.  Due to the spread of water in the living area of ​​the animal, its life is in danger.  All living animals have to face many types of problems.  Means of traffic stop.  The availability of food and water decreases.  Road dam breaks.  A problem of livelihood arises.  The houses start falling apart.  The availability of domesticated animal feed is reduced.  And so on.

 Benefits arising out of flood: -

 After the flood ends, the fertility of the land increases, which leads to good crop yields.  * .The ground water level goes up.

 *.  Irrigation is being done due to the water filling the reservoirs such as pond pokhar chaud.

 *.  There is an unprecedented increase in the number of fish in the rivers.

 *.  The rivers are cleaned.


 Material to be kept under special circumstances at the time of flood: -

 Tarcolin foil, umbrella, raincoat, flashlight, matchbox, sticks, bag etc.

 Readymade edible ingredients like Chuda Gur Sattu Salt Gram Gram Essential Medicine Milk or milk powder for children, some daily use cloth etc.

Comments

Unknown said…
सही कह रहे हैं.सर
बाढ़ का स्थायी समाधान ढूंढे बगैर बिहार के विकास की बा‌त करना बेईमानी है।।

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